pm vishwakarma yojana kya hai ? प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है? उद्देश्य, लाभ और पात्रता की पूरी जानकारी – 2025

By Ashish Kumar

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पीएम विश्वकर्मा योजना : प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, बैंकिंग) के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका | Complete pm vishwakarma yojana in hindi for all examination, pm vishwakarma yojana kya hai in hindi language, pm vishwakarma yojana details complete guide,

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pm vishwakarma yojana क्या है ?

  • हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी ने 17 सितंबर 2023 को पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए विश्वकर्मा योजना शुरू की | परंतु पीएम विश्वकर्म योजना 16 अगस्त 2022 को ही अप्रूव्ड कर दिया गया था |
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना पूर्ण रूप से केंद्र  स्तरीय योजना है जिसमें भारत सरकार के द्वारा शुरुआती लागत 13000 करोड़ रुपये रखी गयी
  • इस योजना का परिपालन अर्थात अमल निम्नलिखित मंत्रालयो के द्वारा किया जा रहा है:-   मिनिस्ट्री आफ माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MoMSME), मिनिस्ट्री ऑफ़ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप (MSDE), डिपार्टमेंट ऑफ़ फाइनेंशियल सर्विस (DFS), मिनिस्ट्री ऑफ़ फाइनेंस(MoF) तथा गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया
  • पीएम विश्वकर्म योजना को शुरुआती दौर में सिर्फ 5 वर्षों के लिए अमल किया जा रहा है अर्थात इस योजना का 2023 -24  से लेकर 2027 – 28 तक के लिए प्लान बनाया गया है |( 23-24, 24-25, 25-26, 26-27,27-28)
  • इस योजना को सफल बनाने के लिए नोडल मिनिस्ट्री का भार MoMSME  को सोपा गया | मिनिस्ट्री ऑफ़ एमएसएमई में जो एडिशनल सेक्रेटरी तथा डेवलपमेंट कमिश्नर रहते हैं उन्हें पीएम विश्वकर्मा  योजना के सारे पहलुओं पर निगरानी करनी है और देखना है कि यह योजना किस प्रकार से सुचारू रूप से चलते रहेऔर जो भी समस्या हो उसे जल्दी निवारण किया जा सके 
  • हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा इस योजना के शुभारंभ (LAUNCH) की घोषणा 77 वें   स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर  से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान की थी |
  • विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर पीएम विश्वकर्मा  योजना की शुरुआत पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों के लिए किया गया | इस योजना का विशेष कर ओबीसी समुदाय को लाभ पहुंचाया जाना होगा |

pradhanmantri vishwakarma yojana |पीएम विश्वकर्म योजना का उद्देश्य-

  • इस योजना का उद्देश्य कारीगरों (Artisans) और शिल्पकारों (Craftspeople)  को विश्वकर्मा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए किया गया |
  • इसका दूसरा उद्देश्य था कि इन  लोगों का कौशल को अपग्रेड (Skill Upgradation) किया जा सके |
  • इस योजना का अगला उद्देश्य यह था कि सभी डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए कुछ इंसेंटिव्स मिल सके जिससे ये  सारे लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन अर्थात डिजिटल रूप से लेन-देन करने पर कुछ कैशबैक मिले  और इनका प्रोत्साहन बढ़े जिससे भारत के सभी छोटे-मोटे कारीगर शिल्पकार डिजिटल रूप से लेनदेन कर सके |
  • इनका अगला उद्देश्य यह था कि इन सभी लोगों को बेहतर से बेहतर तथा आधुनिक उपकरणों अर्थात (Modern Tools) मिल सकेजिसका उपयोग करके ये  अपना कार्य को कम समय में ही बहुत अधिक गुणवत्ता के साथ ज्यादा कार्य कर सके और अपना व्यवसाय को आगे बढ़ाया जा सके| 
  • इस योजना का एक बहुत बड़ा मुख्य उद्देश्य यह था की इन सभी शिल्पकारो तथा कारीगरों को Collateral free Credit अर्थात बिना किसी चीज को गिरवी रखे हुए ऋण (Loan) मिल जाए | 
  • इनका अगला उद्देश्य था कि इन सभी कारीगरों के द्वारा बनाया गया प्रोडक्ट को ब्रैंड प्रमोशन (Brand Promotion) करना तथा मार्केट में एक दूसरे के साथ लिंकेज(Market Linkages) करना था जिससे इन छोटे-छोटे कारीगरों के द्वारा प्यारा प्यारा वस्तुओं का निर्माण पूरे मार्केट में प्रमोशन हो सके तथा मार्केट में एक दूसरे के साथ लिंक हो जाए,  यहां लिंक होने का तात्पर्य यह है कि इनका व्यवसाय सभी के साथ होने लगे | 
  • इस योजना का अगला उद्देश्य था कि गुरु शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों एवं शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार आधारित पेशे  को मजबूत करना तथा बढ़ावा देना जिससे कि यह सभी परंपरागत तरीके से व्यवसाय चलते रहे और इन सभी का कौशल आधुनिक तरीके सेऔर ज्यादा सफल होऔर व्यवसाय में भी लाभ हो सके | जिससे कि हमारे गुरु शिष्य परंपरा लुप्त ना हो और आने वाले पीढ़ियां भी पुरानी परंपरा से अवगत हो पाए |
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पीएम विश्वकर्मा  योजना के लाभ

पहचान (Recognition)

  • pm vishwakarma yojana से जुड़े हुए लोगों को सर्टिफिकेट तथा आईडी कार्ड देकर उन्हें एक नया पहचान दिया जाता है |

कौशल (Skilling)

  • इस योजना से जुड़ने के बाद उन सभी लोगों को 5 से 7 दिनों तक के लिए बेसिक ट्रेनिंग दिया जाता है जो की इस योजना की ट्रेनिंग की कूल अवधि  40 घंटे का लगभग होता है |
  • इसके अलावा 5 से 7 दिनों का बेसिक ट्रेनिंग करने के बाद वैसे सभी इच्छुक कैंडीडेट्स (Candidates)अपना एडवांस ट्रेनिंग (Advanced Training) 15 दिनों तक के लिए बढ़ा सकते हैं जिन्हें कुल 120 घंटे का लगभग अग्रिम प्रशिक्षण दिया जाता है |
  • इस योजना की ट्रेनिंग के दौरान हर दिन ₹500 का प्रशिक्षण भत्ता दिया जाता है |

उपकरण बॉक्स प्रोत्साहन (Toolkit Incentive):

  •  सभी कारीगरों एवं शिल्पकारों का प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात कूल ₹15000 का उपकरण बॉक्स प्रोत्साहन दिया जाता है | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत मिलने वाले इस उपकरण बॉक्स में बहुत सारे जरूरत के औजार दिए जाए हैं जिसे सभी सर पर कर एवं कारीगर अपना कार्य आधुनिक उपकरणों की सहायता से अपना अपना व्यवसाय का विकास कर सकते हैं |

ऋण सहायता (Credit Support):

  • इस योजना के तहत सभी शिल्पकारों एवं कारीगरों को अपने-अपने उद्योगों का विकास करने हेतु बिना किसी कॉलेटरल (COLLATERAL) के अर्थात बिना कुछ गिरवी रखे हुए ₹100000 का लोन पहली किस्त में दी जाएगी जिसे विश्वकर्माओं के द्वारा 18 महीना के अंदर रीपेमेंट करनी होगी,    अगर विश्वकर्माओं के द्वारा 18 महीना के अंदर एक लाख का लोन का रीपेमेंट कर दिया जाता है तो वे सभी लोग अगले किस्त में दो लाख रुपए के लिए पात्र (Eligible)  हो जाते हैं जिसे 30 महीना के अंदर रीपेमेंट करना होता है |
  • कारीगरों, शिल्पकारो या विश्वकर्माओं या लाभार्थी  के द्वारा लिया गया लोन का ब्याज सिर्फ  5% देना होगा तथा इनके behalf पर 8% का ब्याज MoMSME के द्वारा दिया जाएगा | अर्थात इसका अर्थ है किबैंक के द्वारा कूल 13% का ब्याज लिया जाएगा परंतु बेनिफिशियरी अर्थात लाभार्थी के माध्यम से 5% तथा सरकार के माध्यम से 8% का ब्याज लिया जाएगा |
  • इस ऋण सहायता में कारीगरों, शिल्पकारों या विश्वकर्माओं को लोन का क्रेडिट गारंटी भारत सरकार के द्वारा बैंक को दिया जा रहा है अर्थात भारत सरकार का कहना है कि अगर कारीगर या कोई भी विश्वकर्मा जो लोन को पूरा भर पाने  में सक्षम नहीं है उन सभी का लोन भारत सरकार के द्वारा चुकाया जाएगा |

डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन (Incentive for Digital transaction)

  • अगर इन विश्वकर्माओं के द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन अर्थात  डिजिटल लेनदेन करते हैं तो  इनके प्रोत्साहन के लिए हर एक ट्रांजैक्शन पर ₹1 का इंसेंटिव दिया जाएगा और यह अधिक से अधिक 100 ट्रांजैक्शन तक के लिए लागू रहेगा अर्थात भारत सरकार के द्वारा हर एक ट्रांजैक्शन के लिए ₹1 कैशबैक के रूप में विश्वकर्मा को मिलेगा परंतु अधिक से अधिक 100 ट्रांजैक्शन पर लागु प्रति माह, मतलब ₹100 महीना विश्वकर्माओं के द्वारा डिजिटल ट्रांजेक्शन के माध्यम से कैशबैक के रूप में प्राप्त किया जा सकता है |

मार्केटिंग सपोर्ट (Marketing Support)

  • नेशनल कमिटी फॉर मार्केटिंग अर्थात NCM के द्वारा सभी शिल्पकारों कारीगरों तथा विश्वकर्माओं को क्वालिटीसर्टिफिकेशन (Quality Certification), ब्रांडिंग एंड प्रमोशन ( Branding & Promotion ),  ई-कॉमर्स लिंकेज ( E-commerce linkage), ट्रेड फेयर्स एडवरटाइजिंग (Trade Fairs advertising),  पब्लिसिटी (Publicity ) तथा बहुत सारे अलग-अलग प्रकार के मार्केटिंग एक्टिविटीज कराए जाएंगे |

इस योजना से जुड़े हुए सभी व्यवसाय जो योग्य है (Eligible Trades: ) –

  1. बढई (Carpenter)
  2. नाव  निर्माता (Boat Maker)
  3. अस्त्र बनाने वाला (Armourer)
  4. लोहार (Blacksmith)
  5. हथोड़ा एवं टूल किट बनाने वाला (Hammer and Tool kit Maker)
  6. ताला बनाने वाला (Locksmith)
  7. सुनार  (Goldsmith)
  8. कुम्हार (Potter)
  9. मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला तथा पत्थर तोड़ने वाला) (Sculptor)
  10. मोची / चर्मकार / जूता कारीगर (Cobbler)
  11. राज मिस्त्री (Mason)
  12. टोकरी / चटाई / झाड़ू निर्माण करने वाला (Basket/Mat /Broom Maker)
  13. गुड़िया तथा खिलौना निर्माण करने वाला पारंपरिक तरीके से (Doll & Toy Maker- Traditional)
  14. नाई  (Barber)
  15. माला बनाने वाला (Garland Maker)
  16. धोबी (Washerman)
  17. दर्जी (Tailor)
  18. मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला (Fishing Net Maker) 

Eligibility Criteria (इस योजना के लिए पात्रता मापदंड):

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (pm modi vishwakarma yojana) के रजिस्ट्रेशन के लिए वही व्यक्ति पात्र होगा जो अपने हाथों तथा औजारों से काम करने वाला हो और असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार के आधार पर ऊपर बताए गए 18 व्यवसाययों में पारंपरिक तरीके से काम करता हो वे सभी रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पात्र  है |
  • इस योजना के अंतर्गत जो लाभ प्राप्त होंगे वह सिर्फ एक परिवार से सिर्फ एक ही व्यक्ति तक ही सीमित है  अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि इस योजना में एक परिवार में से किसी एक सदस्य का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है जैसे में किसी एक फैमिली में से किसी के पति हो सकते हैं, या उस फैमिली में से किसी की पत्नी हो सकती है, अथवा अविवाहित बच्चे हो सकते हैं जिनका उम्र कम से कम 18 साल हो |
  • इस योजना का लाभ वे सभी नहीं ले सकते हैं जिनके परिवार में से कोई भी सदस्य सरकारी सर्विस में हो | अर्थात एक परिवार में किसी भी व्यक्ति का सरकारी सर्विस नहीं होना चाहिए तभी इस योजना का लाभ लिया जा सकता है अन्यथा नहीं |
  • इस योजना का आखिरी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया यह है कि लाभार्थी को पंजीकरण की तिथि पर अपने व्यवसाय के लिए किसी भी प्रकार का लोन पिछले 5 वर्षों में इसी प्रकार का ऋण आधारित योजना (PMEGP, PM SVANidhi, Mudra, in the past 5 years.) से नहीं लिया हुआ होना चाहिए,   चाहे वह केंद्र सरकार से लिया गया लोन हो अथवा राज्य सरकार से लिया गया लोन हो |

FAQs

पीएम विश्वकर्मा लोन की राशि कितनी है?

₹100000 का लोन पहली किस्त में दी जाएगी जिसे विश्वकर्माओं के द्वारा 18 महीना के अंदर रीपेमेंट करनी होगी,    अगर विश्वकर्माओं के द्वारा 18 महीना के अंदर एक लाख का लोन का रीपेमेंट कर दिया जाता है तो वे सभी लोग अगले किस्त में दो लाख रुपए के लिए पात्र (Eligible)  हो जाते हैं जिसे 30 महीना के अंदर रीपेमेंट करना होता है |

विश्वकर्मा योजना की ट्रेनिंग कितने दिन की होती है?

इस योजना से जुड़ने के बाद उन सभी लोगों को 5 से 7 दिनों तक के लिए बेसिक ट्रेनिंग दिया जाता है जो की इस योजना की ट्रेनिंग की कूल अवधि  40 घंटे का लगभग होता है |
इसके अलावा 5 से 7 दिनों का बेसिक ट्रेनिंग करने के बाद वैसे सभी इच्छुक कैंडीडेट्स (Candidates)अपना एडवांस ट्रेनिंग (Advanced Training) 15 दिनों तक के लिए बढ़ा सकते हैं जिन्हें कुल 120 घंटे का लगभग अग्रिम प्रशिक्षण दिया जाता है |

पीएम विश्वकर्मा से क्या फायदा?

पहचान (Recognition), कौशल (Skilling), उपकरण बॉक्स प्रोत्साहन (Toolkit Incentive), ऋण सहायता (Credit Support), डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन (Incentive for Digital transaction), मार्केटिंग सपोर्ट (Marketing Support)

विश्वकर्मा योजना में कौन-कौन फॉर्म भर सकता है?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए वही व्यक्ति पात्र होगा जो अपने हाथों तथा औजारों से काम करने वाला हो और असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार के आधार पर ऊपर बताए गए 18 व्यवसाययों में पारंपरिक तरीके से काम करता हो वे सभी रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पात्र  है |

पीएम विश्वकर्मा योजना में कौन-कौन से कार्य आते हैं?

बढई (Carpenter)
नाव  निर्माता (Boat Maker)
अस्त्र बनाने वाला (Armourer)
लोहार (Blacksmith)
हथोड़ा एवं टूल किट बनाने वाला (Hammer and Tool kit Maker)
ताला बनाने वाला (Locksmith)
सुनार  (Goldsmith)
कुम्हार (Potter)
मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला तथा पत्थर तोड़ने वाला) (Sculptor)
मोची / चर्मकार / जूता कारीगर (Cobbler)
राज मिस्त्री (Mason)
टोकरी / चटाई / झाड़ू निर्माण करने वाला (Basket/Mat /Broom Maker)
गुड़िया तथा खिलौना निर्माण करने वाला पारंपरिक तरीके से (Doll & Toy Maker- Traditional)
नाई  (Barber)
माला बनाने वाला (Garland Maker)
धोबी (Washerman)
दर्जी (Tailor)
मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला (Fishing Net Maker) 

pm vishwakarma yojana का official Website क्या है ?

https://pmvishwakarma.gov.in/

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